Liked

Pin It

भ्रष्टाचार




भ्रष्टाचार ज्वलंत मुद्दा है, इस समय देश की बिगड़ती स्थिति पर "सिर्फ चर्चा" करने को। देखिये अब किसी को भ्रष्टाचार करने मैं शरम नहीं आती। टेलीविजन पर भी अभियुक्तों ने मुंह ढकना छोड़ दिया है। न्याय व्यवस्था को न्याय करते समय तो लगना
ही है। अब हमें कोई फरक नहीं पड़ता किसने कितने खाये हैं।
भ्रष्टाचार चारों तरफ फैल रहा है इससे भी ज्यादा चिंता का विषय है की हम इसे रोज़मर्रा की जिंदगी मे शामिल कर रहे हैं। शायद  एक तरह से यह हमारी हार ही है। एक चिंता का विषय और भी है की चंद गिने चुने लोग जो भ्रष्टाचार का विरोध जमीनी स्तर पर करते हैं, उन्हे इतना कुचला जा रहा है की उनकी जबान सका के लिए खामोश हो जाये।
विरोध की बातें सब जगह होती हैं, टीवी से लेकर आम आदमी के जीवन तक लेकिन जब हमारा कोई व्यक्तिगत काम उलझता है तो ले दे कर काम बन जाए, इसी फिराक में रहते हैं।
यदि हम भ्रष्टाचार का जमीनी स्तर पर विरोध नहीं करते हैं तो क्या यह हमारी मौन स्वीकृति नहीं है ?

यदि यह आपको उपयोगी लगता है तो कृपया इसे साँझा करें
Technorati Digg This Stumble Stumble Facebook Twitter
साँझा करें Share It Now !
StumpleUpon DiggIt! Del.icio.us Blinklist Yahoo Furl Technorati Simpy Spurl Reddit Google Twitter FaceBook

Comments
2 Comments

2 comments:

  1. यदि समवेत स्वर में पुरजोर कोशिश के साथ विरोध किया जाए तो भ्रष्टाचार से निपटा जा सकता है।

    जवाब देंहटाएं

My Tips & Tricks !

Facebook

People Found Useful Blog Tips at MBT

Support Me !

Support Me by Adding This Logo To Your Respective Blog / Web Site

 

© 2010-2013. आवाज़ All Rights Reserved Arvind Jangid, Sikar, Rajasthan. Template by Mast Blog Tips | Back To Top |